श्री कृष्ण जन्माष्टमी कब है
श्री कृष्ण जन्माष्टमी कब है हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। 2023 में, अष्टमी तिथि 6 सितंबर को दोपहर 12:42 बजे से प्रारंभ होगी और 7 सितंबर को दोपहर 12:42 बजे तक रहेगी।श्री कृष्ण जन्मोत्सव 2023 6 और 7 सितम्बर को मनाया जाएगा।वैष्णव सम्प्रदाय के लोग आमतौर पर अष्टमी तिथि के सूर्योदय के समय को जन्माष्टमी के रूप में मानते हैं, जो 7 सितम्बर को होगा। हालाँकि, सम्प्रदाय के लोग अष्टमी तिथि के मध्यरात्रि के समय को जन्माष्टमी के रूप में मानते हैं, जो 6 सितम्बर को होगा।इसलिए, श्री कृष्ण जन्मोत्सव 2023 को 6 और 7 सितंबर को दोनों दिन मनाए जाएंगे।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी कब है जन्माष्टमी क्यों मनाया जाता है
जन्माष्टमी हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है जो यह भगवान कृष्ण के जन्मदिन का जश्न माना जाता है, जिसमें हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के जन्मदिन का अवतार माना जाता है।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी कब है कृष्ण को भगवान के अवतार के रूप में माना जाता है जो दुष्टों को विध्वंस और धर्म की स्थापना के लिए आए थे। इन्हें एक दयालु, दयालु और बुद्धिमान देवता के रूप में भी जाना जाता है। जन्माष्टमी को एक पवित्र और आनंदमय अवसर के रूप में मनाया जाता है। इस दिन, हिंदू लोग उपवास करते हैं, मन्दिर में जाते हैं, भजन गाते हैं, और कृष्ण की कहानियां सुनाते हैं। और जन्माष्टमी के दिन लोग कथा सुनते है
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उपवास: कई हिंदू लोग जन्माष्टमी के दिन उपवास करते हैं। उनका मानना है कि यह कृष्ण की प्रतिकृति और भक्ति का प्रदर्शन है।
मंदिरों में जाना और जन्माष्टमी के दिन, हिंदू लोग सबसे अदिक मन्दिर में जाते हैं और कृष्ण की पूजा करते हैं। और अक्सर भजन और कीर्तन कार्यक्रम होते हैं।भजन गाना: हिंदू जन्माष्टमी के दिन भजन गाते हैं। भजन कृष्ण की प्रशंसा और स्तुति करते हैं।
कृष्ण की कहानियाँ: जन्माष्टमी के दिन, हिंदू कृष्ण की कहानियाँ हैं। ये कहानियाँ कृष्ण के जीवन और श्रम के बारे में बताते हैं।
जन्माष्टमी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो भगवान कृष्ण की महिमा और उनकी शिक्षाओं का जश्न मनाता है।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी कब है कृष्ण जन्माष्टमी 2023 कब है
पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि प्रारंभ 6 सितंबर 2023 को दोपहर 03 बजे 37 मिनट से हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन अगले दिन 7 सितंबर 2023 शाम 04 बजे 14 मिनट पर होगा।कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा मध्य रात्रि को होती है, इसलिए इस वर्ष भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव 6 सितंबर 2023,को मना बुधवार को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान श्री कृष्ण का 5250वां जन्मोत्सव मनाया गया।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी कब है कृष्ण जन्माष्टमी 2023 पूजा मुहूर्त
कृष्ण जन्मोत्सव 2023 पूजा मुहूर्त कृष्ण जन्मोत्सव हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान कृष्ण के जन्मदिन का जश्न मनाता है। 2023 में,जन्माष्टमी 6 और 7 सितंबर को मनाया जाएगा।
वैष्णव संप्रदाय के लोग जन्माष्टमी को सूर्योदय के समय मानते हैं, जो 7 सितंबर को होगा। स्माट संप्रदाय के लोग जन्माष्टमी को मध्यरात्रि के समय मानते हैं, जो 6 सितंबर को होगा।
कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा का शुभ उत्सव 6 सितंबर, 2023 को रात 11:57 बजे से 7 सितंबर, 2023 को सुबह 12:42 बजे तक। यह 46 मिनट का समय है। इस दौरान हिंदू लोग भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं और उनके जन्म की खुशी पाते हैं। पूजा में लोग कृष्ण की मूर्ति या चित्रों को दूध, दही, और अन्य प्रसादों से स्नान कराते हैं। वे फूल, फल और मिठाई भी चढाते हैं।जन्माष्टमी एक पवित्र और आनंदमय अवसर है जो भगवान कृष्ण की महिमा और उनकी शिक्षाओं का जश्न मनाता है।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी कब है जन्माष्टमी की तिथि
श्री कृष्ण जन्मोत्सव 2023 6 और 7 सितम्बर को मनाया जायेगा। हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। 2023 में, अष्टमी तिथि 6 सितंबर को दोपहर 12:42 बजे से प्रारंभ होगी और 7 सितंबर को दोपहर 12:42 बजे तक रहेगी।
वैष्णव सम्प्रदाय के लोग आमतौर पर अष्टमी तिथि के सूर्योदय के समय को जन्माष्टमी के रूप में मानते हैं, जो 7 सितम्बर को होगा। हालाँकि, सम्प्रदाय के लोग अष्टमी तिथि के मध्यरात्रि के समय को जन्माष्टमी के रूप में मानते हैं, जो 6 सितम्बर को होगा।इसलिए, गृहस्थ संप्रदाय के लोग जन्माष्टमी को 6 सितंबर को मनाएंगे, जबकि वैष्णव संप्रदाय के लोग जन्माष्टमी को 7 सितंबर को मनाएंगे।गृहस्थ संप्रदाय के लिए जन्माष्टमी की तिथि:6 सितंबर, 2023
वैष्णव सम्प्रदाय के लिए जन्माष्टमी की तिथि:
श्री कृष्ण जन्माष्टमी कब है जन्माष्टमी व्रत पूजा विधि
प्रातः काल उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें।
अपने घर को साफ करें और भगवान कृष्ण की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
मूर्ति या तस्वीर को दूध, दही, शहद, और अन्य प्रसादों से स्नान कराएं।
फूल, फल, और मिठाई चढ़ाएं।
भगवान कृष्ण की आरती करें।
भगवान कृष्ण की कथा सुनें या पढ़ें।
रात्रि में, भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव मनाएं।
व्रत का पारण करें।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी कब है जन्माष्टमी व्रत पारण विधि
सुबह नहाएं और साफ कपड़े पहनें।
भगवान कृष्ण की मूर्ति या चित्र को दूध, दही, शहद और अन्य प्रसादों से स्नान कराया जाता है।
फूल, फल, और मिठाई।
भगवान कृष्ण की आरती करें।
भगवान कृष्ण की कथा या पढ़ें।
माखन, मिश्री और अन्य प्रसाद से व्रत का पारण करें।
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जन्माष्टमी व्रत के नियम
जन्माष्टमी के दिन के बारे में जानना आवश्यक है।
उपवास के दौरान, मांस, मछली, अंडा और अन्य मांसाहारी भोजन से परहेज करें।
शराब, धूम्रपान, और अन्य मूल निवासियों से भी संपर्क न करें।
दिन भर में भगवान कृष्ण का ध्यान करें और उनकी पूजा करें।
जन्माष्टमी के दिन, भगवत गीता का पाठ करें।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी कब है जन्माष्टमी व्रत का लाभ
जन्माष्टमी महोत्सव से भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है।
यह व्रत मोक्ष प्राप्ति का मार्ग दर्शाता है।
यह व्रत बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
यह व्रत लोगों को एकता और भाईचारे की भावना सिखाता है।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी कब है श्री कृष्ण जन्माष्टमी की कथा
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की कथा हिन्दू धर्म की एक महत्वपूर्ण कथा है। यह कथा भगवान कृष्ण के जन्म और उनके जीवन के बारे में बताती है।
प्राणी कथाओं के अनुसार, द्वापर युग में, मथुरा के राजा उग्रसेन के पुत्र कंस ने अपने पिता को बंदी बना लिया और स्वयं राजा बन गये। कंस एक क्रांतिकारी राजा था, जिसने अपने राज्य में सभी को परेशान कर रखा था।
कंस को एक भविष्यवाणी मिली थी कि देवकी के आठवीं संत ही उसे मारेंगे। इसलिए, कंस ने अपने सभी सात प्रतिमाओं को मार डाला।
देवकी की आठवीं संतान देवकी को उनके प्रिय राजा उग्रसेन ने गोकुल में छिपा दिया था। देवकी ने योगमाया के प्रभाव से वासुदेव के पुत्र को जन्म दिया। भगवान विष्णु के अवतार भगवान कृष्ण को वासुदेव ने रात में गोकुल में नंद और यशोदा के घर छोड़ दिया। यशोदा ने कृष्ण को अपने पुत्र के रूप में पाला। कंस ने कृष्ण को मारने की कई कोशिशें कीं, लेकिन कृष्ण ने हर बार कंस के प्रयास को विफल कर दिए अंत में कृष्ण ने कंस का वध कर दिया और मथुरा में राजा बन गये। कृष्ण ने मथुरा में न्याय और धर्म की स्थापना की। उन्होंने लोगों को व्यवसायियों से दुष्टता करने और अच्छे व्यवसाय के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। कृष्ण एक दयालु, करुणामय और बुद्धिमान देवता थे। उन्होंने अपने जीवन में कई चमत्कार और लोगों की मदद की। कृष्ण जन्माष्टमी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इस दिन लोग भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं और उनके जन्म की खुशियां मनाते हैं।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी कब है जन्माष्टमी 2023 की शुभकामनाएँ
राधा के श्याम के,
गॉल्ज़ का मतलब है
गोपियों के माखन चोर है
जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!!!
हैप्पी जन्माष्टमी 2023!
माखन चुराकर जिसने खाया,
बंसी बजाकर जिसने नचाया,
उनके जन्म दिवस की खुशी मनाओ,
जिसने दुनिया को दिखाया प्रेम का रास्ता!
हैप्पी जन्माष्टमी 2023!
कृष्ण नाम,
गोकुल आश्रम,
ऐसे श्री कृष्ण भगवान को
हम सबका प्रणाम||
हैप्पी कृष्ण जन्माष्टमी 2023!
जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ 2023